बीएस-4 के पेच में फंस गई नगर निगम की 30 काम्पैक्टर गाड़ियां

बीएस-4 के पेच में फंस गई नगर निगम की 30 काम्पैक्टर गाड़ियां


नगर निगम में हरियाणा की एक फर्म से खरीदी जाने वाली काम्पैक्टर गाड़ियों पर बीएस-4 मानक का ग्रहण लग गया है। फर्म को फरवरी में 30 काम्पैक्टर की आपूर्ति करनी थी। सैंपल गाड़ी भेजने में ही फर्म ने देरी कर दी। निगम ने अब बीएस-4 गाड़ियां खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं। 31 मार्च तक ही बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन होना है।


शहर में प्रतिदिन 598 टन कूड़ा निकलता है। बिखरे कूड़े को ठोस गोला बनाने के लिए निगम ने 30 काम्पैक्टर गाड़ियों का आर्डर दिया था। इसके लिए 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था। हरियाणा की फर्म ने सुरक्षा राशि के रूप में 30 लाख रुपये जमा कर निगम को फरवरी में ही गाड़ियों की डिलीवरी का भरोसा दिया था। इसके विपरीत फर्म ने सैंपल गाड़ी ही फरवरी के अंतिम सप्ताह में भेजी। जिसके बाद अधिकारियों को लगा कि गाड़ियों की डिलीवरी न होने से 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा।


कूड़े को गोला बना देगा काम्पैक्टर


अत्याधुनिक काम्पैक्टर में सूखा कूड़ा सालिड गोला बन कर बाहर आयेगा तो वहीं गीले कूड़ा से कम्पोस्ट खाद बनेगी। काम्पैक्टर से गीला कूड़ा मिट्टी की शक्ल में बाहर निकलेगा, जिसे 40 दिन के अंदर कम्पोस्ट खाद में तब्दील कर दिया जाएगा। कम्प्रेस्ड कूड़े का आसानी से निस्तारण हो जाएगा। इससे गड्ढों आदि को आसानी से भरा जा सकेगा।


बोले अपर नगर आयुक्त


काम्पैक्टर से कूड़ा निस्तारण में काफी मदद मिलेगी। वार्डों से निकलने वाले कूड़े को मशीन से कम्प्रेस कर दिया जाएगा। पर, इसकी खरीद को लेकर दिक्कत आ रही है। फर्म से बातचीत की जा रही है, संभव है कुछ निदान निकल जाए।